अवगड़ का चेला, फिरूँ अकेला, कभी न शीश नवाऊंगा प्रस्तुत मन्त्र को गुरुगोरखनाथ के सिद्ध स्थान में बैठकर अथवा रूद्रदेव के मन्दिर में बैठ एक हजार बार करना चाहिए। अथवा देवी मन्दिर में बैठकर भी सिद्ध किया जा सकता है। इस मन्त्र से ३, ७, २१, ३१. ॐ ह्रीँ https://stephenoppno.imblogs.net/82143994/the-best-side-of-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra